Monday, January 18, 2010

Asif Iqbal Comments on BBC Hindi

These are my (Asif Iqbal) published view on BBC Hindi portal on various issues. please have a look.
बहस:

Debate Topic : कैसे याद करेंगे ज्योति बसु को
भेजा गया: 20-Jan-2010 11:06
Asif Iqbal COMMENT:
मैने कही पढ़ा है कि एक बार ज्योति बसु ने कहा था, 'आई एम नॉट अ जेंटलमैन, आय एम अ कम्युनिस्ट'' लेकिन इस वाक्य में मौजूद व्यंग्य को एक तरफ रख कर जेंटलमैन शब्द का अगर सिर्फ़ शाब्दिक अर्थ ग्रहण किया जाए तो सौ-सवा सौ साल पुराने भारत के समूचे राजनीतिक दायरे में उनके जैसा जेंटलमैन, उनके जैसे शालीन राजनेता गिनने भर को शायद ही मिले. वह एक अमर ज्योति थे और रहेंगे. उन्हे विचारधारा के रूप मे पहचाना जाना, हमारी तुच्छता है.उन्हें शत-शत नमन है.हमें उनसे सीखना चाहिए. हमें उन पर गर्व है.

DEBATE Topic - क्या मनमोहन सरकार की पाकिस्तान नीति सही है?
Date - 26-Jul-2009 08:16
Asif Iqbal COMMENT
विपक्ष का एक सूत्रीय कार्यक्रम है कि सरकार के सारे क़दमों की आलोचना करना, पाकिस्तान की विजय की बात करना अपने आप मे एक सामाजिक अपराध है,रही बात शर्म अल शेख में भारत और पाकिस्तान की तरफ़ से जारी साझा बयान की मीडिया में उसको काफ़ी तोड़ामरोड़ा भी गया है, अभी हाल ही का ज़रदारी का बयान भी गले उतरनेवाला नही है,बयानों की व्याख्या बहुत सोच कर की

जानी चाहिए.


DEBATE Topic - क्या भारत-पाक संबंध सुधरेंगे?
Date - 23-Jul-2009 08:58
Asif Iqbal COMMENT

भारतीय कूटनीतिक इतिहास का अत्यंत विचित्र है. ताशकंद, शिमला, इस्लामाबाद और 2006 के हवाना जैसे समझौतों की तो एक लंबी फेहरिस्त है,सबसे चौकाने वाली बात है की इस बार की बातचीत मे कश्मीर मुद्दे का कोई ज़िक्र नही आया, यानी अब कश्मीर पर बात होगी, लेकिन आतंकवाद पर नहीं.पाकिस्तान के पूर्व रिकॉर्ड को देखते हुए अभी कुछ भी कह पाना जल्दबाज़ी होगा. उम्मीद है की आने वाला समय दोनो देशो को इस आपसी समस्या से मुक्ति दिला सके. प्रधानमंत्री को बधाई दी जानी चाहिए की उन्होने एक बार फिर सहनशीलता का परिचय दिया .


DEBATE Topic - धारा 377 और समलैंगिकता की बहस...
Date - 09-Jul-2009 07:39
Asif Iqbal COMMENT
समलैंगिकता के क़ानूनी और सामाजिक अमल में दिक्कत आएगी. मेरी राय में यह समलैंगिकता जीवन जीने के अधिकार के तहत नहीं है,कोर्ट ने कहा है कि दो वयस्क लोगों की आपसी सहमति से बने समलैंगिक संबंध अपराध नहीं हैं, और इस पर आईपीसी की धारा 377 लागू नहीं होगी. इस फैसले को स्वीकारने में भारतीय समाज को और वक़्त चाहिए.


DEBATE Topic - चुनाव से जुड़े आपके सवाल
Date - 17-Apr-2009 18:32
Asif iqbal COMMENT
आख़िर मीडिया सलमान ख़ान के पीछे क्यू पड़ी रहती है, हाल ही में उनके चुनाव प्रचार को ले कर काफ़ी हो हल्ला हुआ, आख़िर कोई उसे ठीक से जीने क्युं नही देता,लोगों के साथ-साथ मीडिया को उसे अनायास ही दोषी ठहराया नही जाना चाहिए, हो सके तो मीडिया सलमान के कुछ अच्छे कामों को भी जनता के सामने लाए ताकि लोगों में सलमान को ले कर बना अविश्वास कम हो सके ..


DEBATE Topic - बीबीसी हिंदी टीम तक अपनी बात पहुँचाइए
Date - 05-Apr-2009 19:41
Asif Iqbal COMMENT
बीबीसी हिंदी डॉटकॉम से जो अपेक्षाएँ है. उनपर आपकी टीम खरी उतर रही है. आज इस वेबसाइट पर वो सारी बातें मौजूद हैं जो हम आपसे अपेक्षा रखते हैं. बीबीसी हिंदी डॉटकॉम के स्वरूप को संवारने-निखारने में बीबीसी हिंदी टीम का ही योगदान है. आप की शैली वास्तव में "पाठकों द्वारा, पाठकों के लिए और पाठकों का" स्वतंत्र मंच है


DEBATE Topic - बड़ी पार्टियों के बड़े-बड़े वायदे
Date - 03-Apr-2009 21:06
Asif iqbal COMMENT
वायदों का पूरा होना या करना अपने आप में एक बहुत चुनौती है. अमूमन सरकारें वादा करती हैं लेकिन वे कभी पूरे नहीं होते हैं.वास्तव में बहुदलीय सरकार में यह संभव नहीं है.सरकार की इन बहुउद्देशीय योजनाओ का लाभ बिचौलिए ही उठाते है. जनता को वोट अब सरकार के वायदों पर नहीं बल्कि सरकार की प्रतिबद्धता पर देना चाहिए. वैसे देश की आम जनता सरकार के बड़े-बड़े वायदों से परिचित है क्या पता इस बार के चुनाव में जनता इस जनतंत्र को कोई और ही दिशा दे. वैसे राजनीति का दूसरा पहलू ही बड़े-बड़े वायदे करना हैं


DEBATE Topic - अर्थव्यवस्था और ब्रिक देशों की भूमिका
Date - 30-Mar-2009 18:03
Asif iqbal COMMENT
समय सबके लिए एकसमान नहीं रहता है. विकासशील देशों के लिए आने वाला समय निशित रूप से सुखद होगा. ज़रूरी यह है कि आपसी समझ और सहयोग बना रहे. वैसे आर्थिक मंदी तो अर्थव्यवस्था की एक चक्रिय प्रक्रम है जो आता और जाता रहता है.दक्षिण एशिया की बड़ी ताक़त में शुमार होने के बाबत भारत से पहल की उम्मीद रखी जानी अपेक्षित है. 2020 तक हम ज़रूर तीसरी दुनिया के तमगे से आज़ादी तो पा ही लेंगे.इसके साथ-साथ सभी बाधाओं से भी मुक्ति पा लेंगे जो देश के विकास में बाधक है.


DEBATE Topic - विदेश में आईपीएल कराने पर आपकी राय
Date - 25-Mar-2009 14:47
Asif iqbal COMMENT
मेरा मानना है कि आम चुनावों के साथ तारीखें पड़ने और लाहौर में हुए आतंकवादी हमलों के कारण सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए इस ट्वंटी 20 टूर्नामेंट को दक्षिण अफ्रीका में आयोजित कराना एकदम ठीक है , निराशाजनक है कि टूर्नामेंट भारत में नहीं हो रहा। लेकिन अगर टूर्नामेंट नहीं होने और देश के बाहर टूर्नामेंट के आयोजन के दो विकल्प दिए जाते हैं तो दूसरा विकल्प हमेशा बेहतर है.... संवैधानिक प्रावधानों के तहत चुनाव को सर्वोच्च प्राथमिकता देना एकदम ठीक कदम है......

so on......

Note These are my listed comments on BBC, for more information you can follow that particular link- http://newsforums.bbc.co.uk/ws/hi/profile.jspa?userID=115461 .

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